WELCOME TO YASHITA JHA BLOG
निगान्हे निगाहों से मिला कर तो देखो, नए लोगों से रिश्ता बना कर तो देखो. हसरतें दिल में दबाने से क्या हासिल होगा, अपने होंठ हिला कर तो देखो. ख़ामोशी से कब होती है ख्वाहिशें पूरी, दिल की बात बता कर तो देखो . जो है दिल में उसे कर दो बयान, खुद को एक बार जाता कर तो देखो. आसमान सिमट जायेगा तुम्हारे आगोश में, चाहत की बाहें फैला कर तो देखो. निगान्हे निगाहों से मिला कर तो देखो, दिल की बात बता कर तो देखो .
Monday, October 11, 2010
1st MEMOIR BY A KING
Hagiographies of rulers have a long history.But very few actually took time out to write their memoirs .The founder of the Mughal empire,Zahiruddin Mohammad Babur, was an exception. His memoirs, originally written in Chagtai, which begins from the time he become king in Ferghana at the age of 12, was the first autobiography by an indain ruler.
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